"जनजातीय समाज: स्वतंत्रता संग्राम" भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समुदायों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालती है। यह पुस्तक देश के विभिन्न क्षेत्रों में फैली हुई आदिवासी वीरगाथाओं को सामने लाती है, जिनमें रानी दुर्गावती, बिरसा मुंडा, टंट्या भील जैसे महान योद्धाओं की कहानियाँ शामिल हैं। औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध इन जनजातीय नेताओं की बहादुरी, बलिदान और सांस्कृतिक विरासत को विस्तारपूर्वक प्रस्तुत करते हुए यह पुस्तक पाठकों को एक नया दृष्टिकोण देती है। यह न केवल ऐतिहासिक तथ्यों को सामने लाती है, बल्कि जनजातीय समाज की सांस्कृतिक और सामाजिक परंपराओं को भी उजागर करती है।
Janjatiye Samaj: Swatantrta Sangram, Historical Book On Tribal Society's Freedom Struggle
History, Indian Freedom Struggle, Cultural Studies, Cultural Heritage & History, Tribal Studies,
"जनजातीय समाज: स्वतंत्रता संग्राम" भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समुदायों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालती है। यह पुस्तक देश के विभिन्न क्षेत्रों में फैली हुई आदिवासी वीरगाथाओं को सामने लाती है, जिनमें रानी दुर्गावती, बिरसा मुंडा, टंट्या भील जैसे महान योद्धाओं की कहानियाँ शामिल हैं। औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध इन जनजातीय नेताओं की बहादुरी, बलिदान और सांस्कृतिक विरासत को विस्तारपूर्वक प्रस्तुत करते हुए यह पुस्तक पाठकों को एक नया दृष्टिकोण देती है। यह न केवल ऐतिहासिक तथ्यों को सामने लाती है, बल्कि जनजातीय समाज की सांस्कृतिक और सामाजिक परंपराओं को भी उजागर करती है।
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Releasing on 08 May 2025
Minimum Purchase: ₹1,600
Format: | Paperback |
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ISBN No. | 9789363885684 |
Publication date: | 08 May 2025 |
Publisher: | Rigi Publication |
Publication City/Country: | India |
Language: | Hindi |
Book Pages: | 166 |
Book Size: | 5.5" x 8.5" |
Book Interior: | Black & white interior with white paper (Premium Quality) |
धर्मदास जी शुक्ला जनजातीय इतिहास और संस्कृति के विद्वान हैं। इन्होंने जनजातीय समाज के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को उजागर करने के लिए गहन शोध किया है।
डॉ. भूपेंद्र कुमार सुल्लरे एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् हैं जिनका अनुसंधान क्षेत्र जनजातीय अध्ययन है। उन्होंने धर्मदास जी शुक्ला के साथ मिलकर इस पुस्तक को तैयार किया है ताकि आदिवासी समाज की विरासत को संरक्षित किया जा सके।