A Masterpiece of Chhandabandi
डा.राजेन्द्र सिंह ’दोस्त’ एक नेक इन्सान, स्टेज व कलम के धनी, सम्मानित कथाकार अब छन्दाबंदी की उत्कृष्ट कृति ’छन्द गंगोत्री’ लेकर हाज़िर हैं। वंदना से विचार तक के गहन पठन से दोस्त की चेतना, चिन्तन, कल्पना, संवेग, अनुभूति, स्वपन, अंतर्दृश्टि और प्रेरणा के दर्शन होते हैं। शब्दों के चयन, सरलता, शिल्पकला और व्याकरण के बारीक सूत्रों के ज्ञाता की दृश्टि से डा. साहिब का कार्य अनुपम, उत्कृष्ट, अद्वितीय उल्लेखनीय और अकल्पनीय है। यकीनन, नाप तोल कर, रवानगी से, सरलता और सहजता से शिल्पकला और व्याकरण की कसौटी पर खरा उतरना सरस्वती माता की कृपा के बिना संम्भव नहीं है। मेरी दृश्टि में प्रस्तुत पुस्तक एक पवित्र ग्रन्थ है। जिस में लेखक अदृश्ट है, विनम्र है, अनुपस्थित है। ’कोई और कहता है, मेरी ज़ुबां न समझो’
निश्चित रूप में यह ग्रन्थ ज्ञान के एक सागर के समान है। जिस के किनारों पर खड़ा होकर नहीं बल्कि इसे पढ़कर चुभ्भीएं लगाकर यत्न से रत्न प्राप्त किए जा सकते हैं। मै निजी तौर पर, अपने परिवार और समस्त मित्रगण की ओर से इस ग्रन्थ का अभिनन्दन करता हूँ।
Principal Lok Nath Sharma (State Awardee ) Ex Member Pb. School Ed. Board M.A.(English, Punjabi, Hindi, Pol Sc., Public Adm., Sociology, Religious Studies, Gandhian Thought, Journalism & M.Ed. Gold Medalist)