यह कहानी मध्यम वर्गीय नौजवान की है । जो अपने पिता जी के मरनोउपरांत मजबूरी में परिवार के खातिर पिताजी की क्लर्क वाली नौकरी स्वीकार करता है । और साथ ही अपने सपने को दूसरी प्राथमिकता देते हुए, उसे कैसे पूरा किया जाए इसके लिए तरकीबे ढूंढते रहता है। इन् तरकीबों के इस्तेमाल का एक ही मक़सद है कि उसके पिताजी का सपना जो उसका भी सपना है, गरीबी रेखा से निकल कर समाज में एक अच्छा स्टेटस पाना, पर इस जद्दोजहद में वह और उसका परिवार कई स्कैम में फसतें है । पर अपने सपनों के उम्मीद का दामन कभी नही छोड़ता है । यह कहानी आपको एक ऐसे सफर पर ले जाएगी जो हर मिडिल क्लास इंसान जीता है , किसी पड़ाव पर उसके कदम डगमगाते जरूर है । पर वह खुदपर भरोसा करना नही छोड़ता और अपने प्रयासों से तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते जाता है ।
About the Author
मेरा नाम संजीव छोटन शर्मा है । और मैं मुम्बई महाराष्ट्रा, भारतवासी हूँ । मेरी परवरिश मुम्बई की है । सो मुझे अंग्रेज़ी व हिंदी के अलावा मराठी और पला बड़ा गुजरातियों के बीच सो गुजराती मिलाकर चार भाषा आती है ।
पेशे से शिक्षक और मुम्बई के प्रतिष्ठित कॉलेज में पिछले सोलह साल से पढ़ा रहा हूँ ।
यह कहानी भले फिक्शन है, नाम और जगह बदल दिए गए है । पर कई घटनाओं का साक्ष्य मैं और मेरा परिवार स्वयं है ।
यह कहानी पारिवारिक हास्य पद्धति में लिखी गई है । और हर श्रेणी के लोगों को पसंद आएगी ।
इस कहानी की फिल्म पटकथा भी तैयार है और S.w.a और कॉपीराइट रजिस्टर्ड भी है ।
प्रोडक्शन हाउस इस कहानी को खरीदने हेतु मुझसे इन् माध्यमों से संपर्क कर सकते है ।
Email: Prof.sanjeevsharma@gmail.com
Mobile. 8369684017